Bura waqt










बुरा वक़्त


इस वक़्त में न तू मसीहा , न  मैं फ़कीर 
मिलेगा जो  कुछ  भी  जिसे , वो उसके किस्मत की  लकीर 
ये  परीक्षा है बस तेरे  बड़े दिल और मेरे  धीर  की  . 
माँगा है मैंने  मेरी मेहनत का निवाला 
तोड़ी है हर बेड़ी उधारी  के जंजीर की. 








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शहर की रानाईयां

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