अधूरी मोहब्बत Adhuri mohabbat





अधूरी मोहब्बत 


अधूरी मोहब्बत आखिर निभाना किसे नहीं आया ?
बताना मुझे नहीं आया ,जताना उसे नहीं आया ......

चुप्पी में भी ज़ज़्बातो की शिकायत बखूबी हुई 
सताना मुझे नहीं आया , मनाना उसे नहीं आया ......

अपनी - अपनी जिंदगी के बस अपने - अपने लम्हे 
हँसाना मुझे नहीं आया , रुलाना उसे नहीं आया ....

अब तू ही बता .....ए - दिल 
अधूरी मोहब्बत आखिर निभाना किसे नहीं आया ?
        मुझे नहीं आया , उसे नहीं आया......|| 








5 comments:

Unknown said...

Haaaaa nice


dinesh arya said...

nice

Maira said...

शुक्रिया जी

Maira said...

Thanks चाचू

Pramod Bhakuni said...

बहुत खूब। ........

शहर की रानाईयां

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