अधूरी मोहब्बत Adhuri mohabbat





अधूरी मोहब्बत 


अधूरी मोहब्बत आखिर निभाना किसे नहीं आया ?
बताना मुझे नहीं आया ,जताना उसे नहीं आया ......

चुप्पी में भी ज़ज़्बातो की शिकायत बखूबी हुई 
सताना मुझे नहीं आया , मनाना उसे नहीं आया ......

अपनी - अपनी जिंदगी के बस अपने - अपने लम्हे 
हँसाना मुझे नहीं आया , रुलाना उसे नहीं आया ....

अब तू ही बता .....ए - दिल 
अधूरी मोहब्बत आखिर निभाना किसे नहीं आया ?
        मुझे नहीं आया , उसे नहीं आया......|| 








Comments

Maira said…
शुक्रिया जी
Maira said…
Thanks चाचू
Pramod Bhakuni said…
बहुत खूब। ........

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