मेरी डायरी
पलटे जो पन्ने अपनी डायरी के,
इस बात से रूबरू हुई .. ....... ।।
डूबो लो भले कलम कई रंगीन स्याही में,लिखावट के लिए एक स्याही जरूरी हुई... ।।पहले पृष्ठ पर सुंदर चित्रकारी ,अंतिम पृष्ठ शायरी के...........दोनों ही सुखद बस मध्य में,उलझनों की स्याही बिखरी हुई..... । ।बहुत भाग अभी खाली है डायरी में,अब कल्पना की नहीं, अनुभव की लेखनी मेरी हुई।।पलटे जो पन्ने अपनी डायरी के,इस बात से रूबरू हुई .. ....... ।।
6 comments:
Nice one..
Kya likhti ho aap wahhh
Thank you..
Thank you..so much
Kya khub likha ha ji
👍👍👍
Post a Comment