Yakeen (Believe)

                                     यकीन 




यकीं करूँ या नहीं,
 जो मैं थी, वो अब नहीं
                    क्यू सोचती हूँ तुम्हें हर-पल
                    क्यू याद करती हूँ वो कल 
जिसमें तुमने कहा था... 
गम हो या खुशी, बाँट लेंगे हम आधा - आधा । 
अब आगे ये रिश्ता निभाऊँ कैसे...... 
तुम बिछड़ ना जाओे कहीं, 
इस डर से अटकती हैं साँसे........ 
                        तुम्हे पाकर खोने से तो अच्छा है 
तुम्हारी तलाश मे निकलू ,पर 
                         तुम्हे ना पाऊँ मैं.....।। 
मुहब्बत है तुमसे बहुत 
                          ये किस तरह बताऊँ मैं......? 
सोचा था ,दो कदम साथ चलेंगे हम..... 
पर शायद ये खयाल पूरा होगा , 
अब अगले जनम......... । 
                            माफ करना छोड़ रही हूँ... 
      यहीं ..... ये सफर।। 
                           लेकिन हमेशा तुम्हारे ही नाम होंगे 
      मेरे आठों पहर......।। 
यकीं हुआ है अब .... 
जो मैं थी, रह गई बस वही 
       रह गई बस वही...............-@maira


यकीं करूँ या नहीं -@maira



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