World poetry day

 


मैं बंदिशो से आज़ाद करूँ,
बेनाम सी आवाज़ को । 


लफ़्ज़ों के परवाज लगाकर, 
कह दूँ हर अरमान को। 

सर्द हवाओ मे आफताब सी, 
कहती हर मौसम की बेबसी । 


विरह मे सुकूं , हूँ  देती

प्रेम की कहती अभिलाषा भी।। 


"मेरी रचना, मेरी कल्पना "   - @maira 


❤❤World Poetry Day ❤❤









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