वो हम-सफ़र था (Wo Hamsafar tha)
वो हम-सफ़र था
वो हम-सफ़र था मगर उस सेहम-नवाईन थी
कि धूप छाँव का आलम रहा जुदाई न थी
अदावतें थीं, तग़ाफ़ुल था, रंजिशें थीं बहुत
बिछड़ने वाले में सब कुछ था, बेवफ़ाई न थी
बिछड़ते वक़्त उन आँखों में थी हमारी ग़ज़ल
ग़ज़ल भी वो जो किसी को अभी सुनाई न थी
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