खुश हूँ
खुश हूँ दिन भर मुद्राएं जोड़ने में
खुश हूँ उन्हें न खर्च करने में।।
खुश हूँ स्वयं को ब्यस्त रखने में,
खुश हूँ किसी को न मिलने में।।
खुश हूँ परिवार में न रह कर, परिवार बनाने में।
खुश हूँ किसी और को खुश रखने में।।
खुश हूँ चित- परिचित साथी को छोड़, काल्पनिक रिश्ते बनाने में।
खुश हूँ अपने कर्तव्यों का भार, दूसरे के सर मढ़ने में।।
खुश हूँ जीवन न जी कर, अंजाने पलों को जीने में।
खुश हूँ स्वयं को न जानकर, औरों को पढ़ने में।।
खुश हूँ ये समझकर,
कि क्या मैं खुश हूँ?
-- @ maira
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