सोच की कोई दिशा नहीं पर समझ की सुन्दर काया है Soch ki koi disha nahi pr samjh ki sundar kaya hai.
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सादगी
सादगी सादगी तो हमारी जरा देखिये, एतबार आपके वादे पे कर लिया | इक हिचकी में कह डाली सब दास्तान, हमने किस्से को यूँ मुख़्तसर कर लिया || सादगी त...
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तुमसे मिलकर ही तो मैंने जाना है , चाहतों का सिलसिला शायद बहुत पुराना है खुली आँखों से तेरा ख्वाब देखना , ये कैसा अफसाना है ? ...