Yakeen (Believe)

                                     यकीन 




यकीं करूँ या नहीं,
 जो मैं थी, वो अब नहीं
                    क्यू सोचती हूँ तुम्हें हर-पल
                    क्यू याद करती हूँ वो कल 
जिसमें तुमने कहा था... 
गम हो या खुशी, बाँट लेंगे हम आधा - आधा । 
अब आगे ये रिश्ता निभाऊँ कैसे...... 
तुम बिछड़ ना जाओे कहीं, 
इस डर से अटकती हैं साँसे........ 
                        तुम्हे पाकर खोने से तो अच्छा है 
तुम्हारी तलाश मे निकलू ,पर 
                         तुम्हे ना पाऊँ मैं.....।। 
मुहब्बत है तुमसे बहुत 
                          ये किस तरह बताऊँ मैं......? 
सोचा था ,दो कदम साथ चलेंगे हम..... 
पर शायद ये खयाल पूरा होगा , 
अब अगले जनम......... । 
                            माफ करना छोड़ रही हूँ... 
      यहीं ..... ये सफर।। 
                           लेकिन हमेशा तुम्हारे ही नाम होंगे 
      मेरे आठों पहर......।। 
यकीं हुआ है अब .... 
जो मैं थी, रह गई बस वही 
       रह गई बस वही...............-@maira


यकीं करूँ या नहीं -@maira



Uljhan (confusion)

 उलझन 


बहुत पहले जब याद आते थे, मुझे 
गणित के सूत्र सारे 
ज्यामिति जब अच्छे से आती थी मुझे 
जब शायद सारे रिश्तों की परिधि 
दूरी और उनकी नजदीकियां
अच्छे से निकाल सकती थी मैं
कौन से रिश्ते को कहाँ और किस 
कोण पर रखना है, मुझे 
तब शायद बेहतर समझ सकती थी मैं 
पर उस वक़्त तुमने मुझे 
सिर्फ किताबो मे उलझाए रखा 
न मैंने कोई रिश्ता जोड़ा, ना घटाया उनको
और ना ही कोई सूत्र लगाया उनमें 
आज जब सालों बाद ,मैं सारे सूत्र 
सारी ज्यामिति भूलती जा रही हूँ
तुमने रखकर सारे रिश्ते मेरे सामने 
मुझे रिश्तों के गणित मे उलझा दिया है...........




ये इख़्तियार्.....







 

Kalpna nahi haqiqat hai ( Not fiction, its reality)

            


कल्पना नहीं, हकीकत है

 

वो दो लफ़्ज़ों की बात, तुमसे कह जाना 
कल्पना नहीं, हकीकत है। 
कह कर वो बाते, सुकूँ आ जाना 
कल्पना नहीं, हकीकत है। 
ज़िक्र तुम्हारा और तम्हे सोचना
कल्पना नहीं, हकीकत है। 
दूर रह कर भी, तुम्हारा पास होना
कल्पना नहीं, हकीकत है। 
तमन्ना तुमसे बात करने की, एक वक़्त तम्हे देख पाना
कल्पना नहीं, हकीकत है। 
सिवा खुशी के तुम्हारे, और कुछ न चाहना
कल्पना नहीं, हकीकत है। 
 
यूँ आँखों से तुम्हारे लिए प्यार का छलक जाना
कल्पना नहीं, हकीकत है। 
यादों का तुम्हारी रह रह कर आना 
कल्पना नहीं ,हकीकत है। 
साथ तुम्हारे, मेरा खुश रहना
कल्पना नहीं, हकीकत है। 
इस तरह मेरा, तुम्हारा मिलना 
कल्पना नहीं, हकीकत है।। 

                                        -@maira
कल्पना नहीं, हकीकत है. . . . 



             


सादगी

सादगी सादगी तो हमारी जरा देखिये, एतबार आपके वादे पे कर लिया | इक हिचकी में कह डाली सब दास्तान, हमने किस्से को यूँ मुख़्तसर कर लिया || सादगी त...