दोस्त बन बन के मिले (Dost Ban Ban Ke Mile)

 




दोस्त बन बन के मिले

दोस्त बन बन के मिले मुझको मिटाने वाले
मैने देखे हैं कई रंग बदलने वाले

तुमने चुप रहके सितम और भी ढाया मुझपर
तुमसे अच्छे हैं मेरे हाल पे हँसने वाले

मैं तो इखलाक़ के हाथों ही बिका करता हूँ
और होंगे तेरे बाज़ार में बिकने वाले

अखिरी दौर पे सलाम-ए-दिल-ए-मुस्तर लेलो 
फिर ना लौटेंगे शब-ए-हिज्र पे रोनेवाले...@Jagjit Singh (singer) 



कौन आयेगा यहाँ (Kon Ayega yaha)

                  कौन आयेगा यहाँ,


कौन आयेगा यहाँ,कोई न आया होगा

मेरा दरवाज़ा हवाओं ने हिलाया होगा

 

दिल-ए-नादां न धड़क, ऐ दिल-ए-नादां न धड़क

कोई खत ले के पड़ोसी के घर आया होगा

 

गुल से लिपटी तितली को गिराकर देखो

आँधियों तुमने दरख़्तों को गिराया होगा

 

'कैफ़' परदेस में मत याद करो अपना मकां

अब के बारिश में उसे तोड़ गिराया होगा 

                             -@Kaif Bhopali 




 

 


मुस्कुराने की बात (Muskurane ki baat)

        


मुस्कुराने कीबात



आशियानेकी बात करते हो

दिल जलाने की बात करते हो

सारी दुनिया के रंज-ओ-ग़म दे कर

मुस्कुराने की बात करते हो

हम को अपनी ख़बर नहीं यारो

तुम ज़माने की बात करते हो

ज़िक्र मेरा सुना तो चढ़ के कहा

किस दिवाने की बात करते हो

हादसा था गुज़र गया होगा

किस के जाने की बात करते हो

-By Jawed Qureshi






वो हम-सफ़र था (Wo Hamsafar tha)

                



वो हम-सफ़र था



वो हम-सफ़र था मगर उस सेहम-नवाईथी

कि धूप छाँव का आलम रहा जुदाई थी

अदावतें थीं, तग़ाफ़ुल था, रंजिशें थीं बहुत

बिछड़ने वाले में सब कुछ था, बेवफ़ाई थी

बिछड़ते वक़्त उन आँखों में थी हमारी ग़ज़ल

ग़ज़ल भी वो जो किसी को अभी सुनाई थी

किसे पुकार रहा था वो डूबता हुआ दिन

सदा तो आई थी लेकिन कोई दुहाई थी


वो हम-सफ़र था मगर उस सेहम-नवाईथी

कि धूप छाँव का आलम रहा जुदाई थी

@Naseer Turabi




सादगी

सादगी सादगी तो हमारी जरा देखिये, एतबार आपके वादे पे कर लिया | इक हिचकी में कह डाली सब दास्तान, हमने किस्से को यूँ मुख़्तसर कर लिया || सादगी त...