Ummid ( Hope)

        उम्मीद 

वो चले जा रहे हैं, 
               उम्मीदों का मकां तोड़ के..... 
जो बना था अर्से से, 
                हर एक अश्क जोड़ - जोड़ के।। 



माना है मैंने, वो ख़फ़ा हैं... 
              मेरी उम्मीद की ऊँची देहलीज़ से.... 
यहाँ टूट कर बिखरा जा रहा है, 
               दिल का शहर, हर गलीच से।। 



वजह 'उम्मीद' को बता कर .... 
               जो जा रहे हैं आज वो, 
उनको उम्मीद है 
              बना लेंगे घरौंदा फिर से वो.......।। 
                                               -@maira 

उम्मीद







Dil hi dil mein (Silently)

 दिल ही दिल में 


दिल ही दिल में खत्म होकर , 
धड़कने रह जायेंगी...... 
वो न आयेंगे तो मिट कर चाहते रह जायेंगी।। 


सब जुदा हो जायेंगे एक मोड आ जाने के बाद 
ख्वाब आँखो से छीनेंगे , सूरते रह जायेंगी .... 
वो न आयेंगे तो मिट कर चाहते रह जायेंगी।। 


वो चले जायेंगे मेरी मंज़िलो से भी परे, 
मेरे सन्नाटे मे उनकी आहटे रह जायेंगी.... 
दिल ही दिल मे खत्म होकर धड़कने रह जायेंगी।। 


कुछ उदासी और मिल जायेगी मिल कर आपसे 
सामना हो जायेगा, पर हसरते रह जायेंगी..... 
वो न आयेंगे तो मिट कर चाहते रह जायेंगी।। 


हम चरागे अंजुमन् बन कर सुलगते जायेंगे, 
याद कुछ बीते दिनों की महफिले रह जायेंगी.... 
दिल ही दिल मे खत्म होकर धड़कने रह जायेंगी।। 

                                                                -@chandan das





Tera chehra (your face)

 तेरा चेहरा 



       कभी आँसू , कभी खुशबु ;
कभी नग़मा बनकर 
                               हमसे हर शाम मिलती है........ 
                      तेरा चेहरा बनकर.... ।। 

                    दिल के काग़ज़ पर तू उतरता है  
शेरों की तरह..... 
                              मेरे होंठो पर तू चमकता है 
                      नग़मा बनकर....।। 

                    मेरा क्या हाल है; आके कभी देख तो ले.... 
                                       जी रही हूँ, तेरा भूला हुआ वादा बनकर।। 

          हमसे हर शाम मिलती है ....
                        तेरा चेहरा बनकर......।।  






Hasrat (desire)


हसरत


वक़्त की गोद में छुपी बैठी है ;
उसे पाने की हसरत मेरी........ 

अजीब इत्तेफाक है.... 
वो भुलाये नहीं भूलता, 
उसे ' मैं ' याद भी नहीं .....। 

गर पा भी लूँ उसे, 
एक रोज मैं......; 
ये मुकम्मल - ए - हसरत तो नहीं.....। 

अक्सर नजदीकियां हैं , 
इश्क़ का रवैय्या बदल देतीं.....।। -@maira


                         -उसे पाने की हसरत-


सादगी

सादगी सादगी तो हमारी जरा देखिये, एतबार आपके वादे पे कर लिया | इक हिचकी में कह डाली सब दास्तान, हमने किस्से को यूँ मुख़्तसर कर लिया || सादगी त...