Kalpna nahi haqiqat hai ( Not fiction, its reality)
कल्पना नहीं, हकीकत है
वो दो लफ़्ज़ों की बात, तुमसे कह जाना
कल्पना नहीं, हकीकत है।
कह कर वो बाते, सुकूँ आ जाना
कल्पना नहीं, हकीकत है।
ज़िक्र तुम्हारा और तम्हे सोचना
कल्पना नहीं, हकीकत है।
दूर रह कर भी, तुम्हारा पास होना
कल्पना नहीं, हकीकत है।
तमन्ना तुमसे बात करने की, एक वक़्त तम्हे देख पाना
कल्पना नहीं, हकीकत है।
सिवा खुशी के तुम्हारे, और कुछ न चाहना
कल्पना नहीं, हकीकत है।
यूँ आँखों से तुम्हारे लिए प्यार का छलक जाना
कल्पना नहीं, हकीकत है।
यादों का तुम्हारी रह रह कर आना
कल्पना नहीं ,हकीकत है।
साथ तुम्हारे, मेरा खुश रहना
कल्पना नहीं, हकीकत है।
इस तरह मेरा, तुम्हारा मिलना
कल्पना नहीं, हकीकत है।।
-@maira
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