Dil hi dil mein (Silently)

 दिल ही दिल में 


दिल ही दिल में खत्म होकर , 
धड़कने रह जायेंगी...... 
वो न आयेंगे तो मिट कर चाहते रह जायेंगी।। 


सब जुदा हो जायेंगे एक मोड आ जाने के बाद 
ख्वाब आँखो से छीनेंगे , सूरते रह जायेंगी .... 
वो न आयेंगे तो मिट कर चाहते रह जायेंगी।। 


वो चले जायेंगे मेरी मंज़िलो से भी परे, 
मेरे सन्नाटे मे उनकी आहटे रह जायेंगी.... 
दिल ही दिल मे खत्म होकर धड़कने रह जायेंगी।। 


कुछ उदासी और मिल जायेगी मिल कर आपसे 
सामना हो जायेगा, पर हसरते रह जायेंगी..... 
वो न आयेंगे तो मिट कर चाहते रह जायेंगी।। 


हम चरागे अंजुमन् बन कर सुलगते जायेंगे, 
याद कुछ बीते दिनों की महफिले रह जायेंगी.... 
दिल ही दिल मे खत्म होकर धड़कने रह जायेंगी।। 

                                                                -@chandan das





Comments

Unknown said…
Bhut bdiya keep it up
Unknown said…
ये तुम्हारी रचना हैं बहुत खूब बहुत अच्छा है
Maira said…
धन्यवाद
Lalit Kumar said…
Bahut khub😊😊😊

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