Meri Diary


  मेरी डायरी
 
 
         पलटे जो पन्ने अपनी डायरी के, 
         इस बात से रूबरू हुई .. ....... ।। 

डूबो लो भले कलम कई रंगीन स्याही में, 
लिखावट के लिए एक स्याही जरूरी हुई... ।। 
 
पहले पृष्ठ पर सुंदर चित्रकारी ,
अंतिम पृष्ठ शायरी के........... 

दोनों ही सुखद बस मध्य में, 
उलझनों की स्याही बिखरी हुई..... । । 

बहुत भाग अभी खाली है डायरी में, 
अब कल्पना की नहीं, अनुभव की लेखनी मेरी हुई।। 

 पलटे जो पन्ने अपनी डायरी के, 
  इस बात से रूबरू हुई .. ....... ।। 


खुश हूँ

 खुश हूँ खुश हूँ दिन भर मुद्राएं जोड़ने में खुश हूँ उन्हें न खर्च करने में।।  खुश हूँ स्वयं को ब्यस्त रखने में,  खुश हूँ किसी को न मिलने में...