Ummid ( Hope)

        उम्मीद 

वो चले जा रहे हैं, 
               उम्मीदों का मकां तोड़ के..... 
जो बना था अर्से से, 
                हर एक अश्क जोड़ - जोड़ के।। 



माना है मैंने, वो ख़फ़ा हैं... 
              मेरी उम्मीद की ऊँची देहलीज़ से.... 
यहाँ टूट कर बिखरा जा रहा है, 
               दिल का शहर, हर गलीच से।। 



वजह 'उम्मीद' को बता कर .... 
               जो जा रहे हैं आज वो, 
उनको उम्मीद है 
              बना लेंगे घरौंदा फिर से वो.......।। 
                                               -@maira 

उम्मीद







खुश हूँ

 खुश हूँ खुश हूँ दिन भर मुद्राएं जोड़ने में खुश हूँ उन्हें न खर्च करने में।।  खुश हूँ स्वयं को ब्यस्त रखने में,  खुश हूँ किसी को न मिलने में...