यूँ ज़िंदगी के ख्वाब दिखा गया कोई
मुस्कुरा के, अपना बना गया कोई .....
बहती हवाओं को यूँ थाम कर
कोयल की तरह , गीत सुना गया कोई ……
एक प्यारी सी मुस्कराहट से ....
ग़मो की चादर हटा गया कोई |
धूल लगी किताब के पन्ने जब मैंने पल्टे..
सूखे गुलाब की खुसबू याद दिला गया कोई |
बारिश की रिम झिम बूंदो के बीच ...
बिन आहट के अपना बना गया कोई |
मैं सिमटी हुई सी पुरानी बातों की गरदिश में
फिर से मुझे जीने का मकसद सीखा गया कोई ....
2 comments:
Awesome
thanks ji
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