खुशबू की तरह
ख़ुशबू की तरह आया वो तेज़ हवाओं में
माँगा था जिसे हम ने दिन रात दुआओं में
हम चाँद सितारों की राहों के मुसाफ़िर हैं
हम रात चमकते हैं तारीक ख़लाओं में
भगवान ही भेजेंगे चावल से भरी थाली
मज़लूम परिंदों की मासूम सभाओं में
दादा बड़े भोले थे सब से यही कहते थे
कुछ ज़हर भी होता है अंग्रेज़ी दवाओं में #chandandas
4 comments:
Good.niceone
शुक्रिया दोस्त
Bahut khub
Nice poema
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