खुशबू की तरह khushabu ki tarah

खुशबू की तरह



ख़ुशबू की तरह आया वो तेज़ हवाओं में 

माँगा था जिसे हम ने दिन रात दुआओं में 

हम चाँद सितारों की राहों के मुसाफ़िर हैं 

हम रात चमकते हैं तारीक ख़लाओं में 

भगवान ही भेजेंगे चावल से भरी थाली 

मज़लूम परिंदों की मासूम सभाओं में 

दादा बड़े भोले थे सब से यही कहते थे 

कुछ ज़हर भी होता है अंग्रेज़ी दवाओं में #chandandas







खुश हूँ

 खुश हूँ खुश हूँ दिन भर मुद्राएं जोड़ने में खुश हूँ उन्हें न खर्च करने में।।  खुश हूँ स्वयं को ब्यस्त रखने में,  खुश हूँ किसी को न मिलने में...