Hausala (courage)

मेरी रचना मेरी कल्पना

तेज लहरों से उलझ के कश्ती को, साहिल पे लगाना है
'मौन' रह के यूँ ही बढ़ता चल, अभी बहुत दूर जाना है।।

रखेगा खुद पे यकीन अगर निश्चित ही आगे चला जायेगा
उम्मीद क्यों है पाली तूने यहाँ कौन तेरा हौसला बढ़ायेगा।।

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