Hausala (courage)

मेरी रचना मेरी कल्पना

तेज लहरों से उलझ के कश्ती को, साहिल पे लगाना है
'मौन' रह के यूँ ही बढ़ता चल, अभी बहुत दूर जाना है।।

रखेगा खुद पे यकीन अगर निश्चित ही आगे चला जायेगा
उम्मीद क्यों है पाली तूने यहाँ कौन तेरा हौसला बढ़ायेगा।।

खुश हूँ

 खुश हूँ खुश हूँ दिन भर मुद्राएं जोड़ने में खुश हूँ उन्हें न खर्च करने में।।  खुश हूँ स्वयं को ब्यस्त रखने में,  खुश हूँ किसी को न मिलने में...