सोच की कोई दिशा नहीं पर समझ की सुन्दर काया है Soch ki koi disha nahi pr samjh ki sundar kaya hai.
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
खुश हूँ
खुश हूँ खुश हूँ दिन भर मुद्राएं जोड़ने में खुश हूँ उन्हें न खर्च करने में।। खुश हूँ स्वयं को ब्यस्त रखने में, खुश हूँ किसी को न मिलने में...

-
तुमसे मिलकर ही तो मैंने जाना है , चाहतों का सिलसिला शायद बहुत पुराना है खुली आँखों से तेरा ख्वाब देखना , ये कैसा अफसाना है ? ...
6 comments:
Nice one....
Thanks dear...
Bahut sundar rachna
Bahut khub
Thanks.. Da🥰
Thank u ji 🌹
Post a Comment